आयुर्वेदिक काढ़ा......,🍮🍮
Welcome to my kitchen....
👉दादी-नानी के आजमाए हुए अनुभूत नुस्खों में से एक घरेलू और कारगार नुस्खा है "तुलसी अदरक हल्दी की चाय या काढ़ा"(सर्दी खांसी-जुकाम की उकाली)
👉सर्दियों और बरसात के मौसम में लगभग हर व्यक्ति जुकाम,खांसी,कफ-बलगम इत्यदि मौसमी बीमारियों से संक्रमित हो ही जाता है,साथ ही बदन दर्द,सिरदर्द,बुखार और वायरल की चपेट में आ जाता है।
👉सदियों से इन सब छोटी-मोटी बीमारियों से बचने और उनके उपचार के लिए हमारी दादी-नानी एक विशेष काढ़ा या जिसको हम चाय भी कह सकते है कि विधी सामग्री सहित पोस्ट कर रही हूँ। यकीन मानिए ये घरेलू नुस्खा आजमाया हुआ और शत-प्रतिशत अनुभूत है-
सामग्री-----
तुलसी के ताजे पत्ते 15-20
अनार के छिलके-सूखे हुए
अदरक ताजी एक छोटा टुकड़ा
हल्दी एक छोटा चम्मच
शहद एक छोटा चम्मच
काली मिर्च 8-10
दालचीनी एक छोटा टुकड़ा
लोंग-3-4 मात्रा में
नमक एक छोटा चम्मच
इलाइची-1-2
गुड़-एक छोटा टुकड़ा
जायफल-पिसा हुआ एक चुटकी
विधि-----
दालचीनी,इलाइची,काली मिर्च,लोंग को एक साथ हनुमान दस्ते में बारीक कूट लें।
एक पतीले में 150 ग्राम पानी में तुलसी,अदरक,अनार के सूखे छिलके, हल्दी और नमक को उबलने के लिए रख दे।
फिर उसमें बारीक पिसे हुए इलाइची,काली मिर्च,दालचीनी,लोंग का मिश्रण डाल कर लगभग 10 मिनट तक उबाले।
जब ये उबल कर लगभग आधा रह जाये तब नीचे उतारकर चाय की छलनी से छान लें।
इस काढ़े को गर्म-गर्म ही शहद मिला कर या बिना शहद के सेवन करें ।
नोट-इसके सेवन के तुरंत बाद ठंडा पानी सेवन न करें या जरूरत हो तो सिर्फ गरम पानी ही पिये ताकि इसका असर बरकरार रहे।
इस काढ़े या "उकाली" के सेवन से निश्चित ही सर्दी,जुकाम,बहती नाक,खांसी,कफ बलगम और गले के इन्फेक्शन में आराम मिलता है साथ ही वायरल बुखार,बदन दर्द,सिर दर्द और तनाव से मुक्ति मिलती है।
WELCOME TO PRITAMS KITCHEN BY PRITAM MEHTA KOTHARI
For more delicious and healthy recipe please visit my food blog link given below:
https://pritamskitchen.blogspot.com
https://www.facebook.com/indiansweetsandcuisines/
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👉दादी-नानी के आजमाए हुए अनुभूत नुस्खों में से एक घरेलू और कारगार नुस्खा है "तुलसी अदरक हल्दी की चाय या काढ़ा"(सर्दी खांसी-जुकाम की उकाली)
👉सर्दियों और बरसात के मौसम में लगभग हर व्यक्ति जुकाम,खांसी,कफ-बलगम इत्यदि मौसमी बीमारियों से संक्रमित हो ही जाता है,साथ ही बदन दर्द,सिरदर्द,बुखार और वायरल की चपेट में आ जाता है।
👉सदियों से इन सब छोटी-मोटी बीमारियों से बचने और उनके उपचार के लिए हमारी दादी-नानी एक विशेष काढ़ा या जिसको हम चाय भी कह सकते है कि विधी सामग्री सहित पोस्ट कर रही हूँ। यकीन मानिए ये घरेलू नुस्खा आजमाया हुआ और शत-प्रतिशत अनुभूत है-
सामग्री-----
तुलसी के ताजे पत्ते 15-20
अनार के छिलके-सूखे हुए
अदरक ताजी एक छोटा टुकड़ा
हल्दी एक छोटा चम्मच
शहद एक छोटा चम्मच
काली मिर्च 8-10
दालचीनी एक छोटा टुकड़ा
लोंग-3-4 मात्रा में
नमक एक छोटा चम्मच
इलाइची-1-2
गुड़-एक छोटा टुकड़ा
जायफल-पिसा हुआ एक चुटकी
विधि-----
दालचीनी,इलाइची,काली मिर्च,लोंग को एक साथ हनुमान दस्ते में बारीक कूट लें।
एक पतीले में 150 ग्राम पानी में तुलसी,अदरक,अनार के सूखे छिलके, हल्दी और नमक को उबलने के लिए रख दे।
फिर उसमें बारीक पिसे हुए इलाइची,काली मिर्च,दालचीनी,लोंग का मिश्रण डाल कर लगभग 10 मिनट तक उबाले।
जब ये उबल कर लगभग आधा रह जाये तब नीचे उतारकर चाय की छलनी से छान लें।
इस काढ़े को गर्म-गर्म ही शहद मिला कर या बिना शहद के सेवन करें ।
नोट-इसके सेवन के तुरंत बाद ठंडा पानी सेवन न करें या जरूरत हो तो सिर्फ गरम पानी ही पिये ताकि इसका असर बरकरार रहे।
इस काढ़े या "उकाली" के सेवन से निश्चित ही सर्दी,जुकाम,बहती नाक,खांसी,कफ बलगम और गले के इन्फेक्शन में आराम मिलता है साथ ही वायरल बुखार,बदन दर्द,सिर दर्द और तनाव से मुक्ति मिलती है।
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Thanks very much for your appreciation .Keep it up.