मित्रों,पिछले संडे हेल्थ टिप्स में आंवला रस/जूस के बारे में पोस्ट डालने पर लोगों ने खूब सराहा और इसे बहुत उपयोगी जानकारी बताया जिसके लिए आपका ह्रदय से धन्यवाद
आज हम आयुर्वेद के एक बेहतरीन चूर्ण "त्रिफला "के अनगिनत फायदों के बारे में जानेंगे:
👉नोट-ये सब जानकारी "त्रिफला"पर की गई रिसर्च को हिंदी अनुवाद करके और आयुर्वेद की किताबों से ली गई है।
हजारों वर्षों से त्रिफला का प्रयोग आयुर्वेद में किया जा रहा है।ये तीन प्रकार के फलों आंवला(अमलकी)हरड़(हरितकी) और बहेड़ा(विभितक) के सूखे पाउडर से बनता है। इन तीनों की मात्रा का अनुपात 1:2:3 होता है यानि कि हरड़े 100 gm बहेड़ा 200 gm और आंवला 300 gm के अनुपात में मिलना है।
बाजार में कई कंपनियों का 'त्रिफला' चूर्ण/पाउडर तैयार मिलता है आप वो भी ले सकते है।
विश्व भर में त्रिफला के ऊपर की गई रिसर्च में किसको अध्भुत औषधि बताया गया है जिसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एन्टीडाईरिल गुण होते है इसके साथ ही इसमें एलेजिक एसिड, गैलिक एसिड,शेबुलिनीक एसिड ,फ्लेवोनॉयड्स और पोलीफेनॉल्स से युक्त बताया है जो एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट माने जाते हैं।
चरक सहिंता में इसके उपयोग को शरीर के लिए गुणकारी बताया गया है और इसके सेवन से शरीर निरोगी रहता है ऐसी महिमा बताई गई हों।
आइए इसके फायदों को जाने-
🍁1.कब्ज का रामबाण ईलाज-पाचन तंत्र को दुरुस्त कर पेट साफ करता है।रात्रि को खाना खाने के 1 घंटे बाद लगभग 3 ग्राम त्रिफला गुनगुने पानी के साथ ले जब तक अच्छे नतीजे न मिल जाएं।
🍁2.आंखों के लिए अत्यंत फायदेमंद-इसके नित्य सेवन से आंखों की दृष्टि में सुधार हो कर आंख की मांसपेशियां मजबूत करता है।आयुर्वेद में गाय के घी के साथ त्रिफला का सेवन आंखों की कमजोरी दूर करने में वरदान माना गया है ।आप बाज़ार में किसी अच्छी कंपनी का "त्रिफला घृतम"का भी सेवन दूध के साथ कर सकते है।
त्रिफला के पाउडर को रात्रि में आधा ग्लास पानी मे भिगों दे फिर सुबह इसे छानकर इसके पानी से आंखे धोने से आंखों की कमजोरी दूर होती है और कई बार चश्मो के नंबर कम होने और चश्मा हटने तक के दावे भी किये जाते हैं।
🍁3.वजन को कम करने के लिए-त्रिफला पाचन क्रिया को आसान बनाता है विशेषकर निचली आंत के हिस्से की सफाई करता है और बड़ी आंत में एक अंग कॉलन के ऊतकों के लिए फायदेमंद है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है और अतिरिक्त फैट को कम करता है।
🍁4.स्किन के लिए-त्रिफला रक्त को साफ करके मृतकोशिकाओ को हटाकर त्वचा की रंगत निखारता है। विटामिन 'सी' की अधिकता से त्वचा को स्वस्थ,चमकदार बनाता है और समयपूर्व झुर्रियां आने से बचाव ,मुहांसों से बचाव इत्यादि में सहायक है।
🍁5.स्वस्थ दांतों के लिए-त्रिफला में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है इससे दांतों में कीड़ा लगाना,मसूड़े की सड़न ,दुर्गंध इत्यादि से बचाता है। प्रतिदिन सुबह रात में भिगीकर रखे त्रिफला पावडर से कुल्ले करें इससे दांत स्वस्थ और मुँह के छालों से निजात मिलती है।
🍁6.मजबूत बालों के लिए-त्रिफला में आंवले जो कि विटामिन सी का भंडार है के सेवन से बाल मजबूत,काले और डैंड्रफ फ्री होते हैं। इसके पेस्ट को बालों में लगाकर 2 घंटे रखे जिससे बाल काले और जूं और डैंड्रफ से दूर रहेंगे बाल झड़ने की समस्या से निजात मिलेगी।
🍁7.मजबूत पाचन तंत्र-त्रिफला एक लैक्सेटिव है जो मल को निकालने में सहायक है और ये शरीर से आंवदोष को हटाता है ।जब शरीर में बिना पचे पदार्थ सड़ने लगते है जिसे आंव कहा जाता है और शरीर बीमार पड़ने लगता है ।त्रिफला आंव दोष निवारण में एक बेहतरीन उपाय है।
🍁8.त्रिफला शरीर मे वात-पित्त-कफ को दूर करता है ।आयुर्वेद में वात-पित्त-और कफ को ही सभी बीमारियों का कारक माना गया है।
🍁9.त्रिफला के सेवन से डेंगू,मलेरिया,बुखार इत्यादि से दूर रहने में मदद मिलती है क्योंकि त्रिफला इम्युनिटी बूस्ट करता है और इसके एंटीबैक्टीरियल तत्व शरीर को इस तरह के इंफेक्शन और एलर्जी से बचाते है।
🍁10.पेशाब के इन्फेक्शन में गर्म पानी के साथ इसका सेवन बहुत लाभकारी है।
🍁11.शरीर मे से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में सहायक है जिससे ह्रदय स्वस्थ रहता है।
🍁12.डाइबिटीज के रोगी भी इसका सेवन कर सकते है और इसके अभूतपूर्व अच्छे परिणाम सामने आते है।
🌲त्रिफला लेने की विधि-
चरक सहिंता के अनुसार रात्रि को लिया गया त्रिफला 'रेचक' माना जाता है इससे सुबह के समय पेट की अच्छी सफाई होती है और कब्ज से छुटकारा मिलता है। त्रिफला पाउडर गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते है।
सुबह के समय लिया गया त्रिफला 'पोषक' माना जाता है और ये पोषण देता है और शरीर मे केल्शियम, लोह,इत्यादि की कमी को पूरा करता है।
👉विशेष सावधानी-गर्भावस्था और स्तनपान के समय इस्तेमाल न करें।
7 साल से छोटे बच्चों को त्रिफला न दें
त्रिफला की ज्यादा मात्रा से दस्त लग सकते है और ज्यादा दस्त से शरीर मे पानी की कमी हो सकती है।
लंबे समय तक त्रिफला का सेवन आपको इसका आदी बना सकता है इसलिए 15 दिन के सेवन के बाद 15 दिन तक इसका सेवन बंद कर दें।
त्रिफला के सेवन से किसी को नींद न आने की शिकायत हो तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें।
त्रिफला पाउडर एक निर्दोष और कारगर औषधि है जो कई बीमारियों को शरीर से दूर रखती है।वैसे तो इसके तीनों अवयव आंवला,बहेड़ा और हरड़ के अपने गुण और प्रभाव है परन्तु जब ये तीनों एक विशेष अनुपात में मिलाकर सेवन करते है तो विशेष और अच्छे परिणाम देते है।
धन्यवाद
✌प्रीतम मेहता कोठारी
WELCOME TO PRITAMS KITCHEN BY PRITAM MEHTA KOTHARI
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https://pritamskitchen.blogspot.com
आज हम आयुर्वेद के एक बेहतरीन चूर्ण "त्रिफला "के अनगिनत फायदों के बारे में जानेंगे:
👉नोट-ये सब जानकारी "त्रिफला"पर की गई रिसर्च को हिंदी अनुवाद करके और आयुर्वेद की किताबों से ली गई है।
हजारों वर्षों से त्रिफला का प्रयोग आयुर्वेद में किया जा रहा है।ये तीन प्रकार के फलों आंवला(अमलकी)हरड़(हरितकी) और बहेड़ा(विभितक) के सूखे पाउडर से बनता है। इन तीनों की मात्रा का अनुपात 1:2:3 होता है यानि कि हरड़े 100 gm बहेड़ा 200 gm और आंवला 300 gm के अनुपात में मिलना है।
बाजार में कई कंपनियों का 'त्रिफला' चूर्ण/पाउडर तैयार मिलता है आप वो भी ले सकते है।
विश्व भर में त्रिफला के ऊपर की गई रिसर्च में किसको अध्भुत औषधि बताया गया है जिसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एन्टीडाईरिल गुण होते है इसके साथ ही इसमें एलेजिक एसिड, गैलिक एसिड,शेबुलिनीक एसिड ,फ्लेवोनॉयड्स और पोलीफेनॉल्स से युक्त बताया है जो एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट माने जाते हैं।
चरक सहिंता में इसके उपयोग को शरीर के लिए गुणकारी बताया गया है और इसके सेवन से शरीर निरोगी रहता है ऐसी महिमा बताई गई हों।
आइए इसके फायदों को जाने-
🍁1.कब्ज का रामबाण ईलाज-पाचन तंत्र को दुरुस्त कर पेट साफ करता है।रात्रि को खाना खाने के 1 घंटे बाद लगभग 3 ग्राम त्रिफला गुनगुने पानी के साथ ले जब तक अच्छे नतीजे न मिल जाएं।
🍁2.आंखों के लिए अत्यंत फायदेमंद-इसके नित्य सेवन से आंखों की दृष्टि में सुधार हो कर आंख की मांसपेशियां मजबूत करता है।आयुर्वेद में गाय के घी के साथ त्रिफला का सेवन आंखों की कमजोरी दूर करने में वरदान माना गया है ।आप बाज़ार में किसी अच्छी कंपनी का "त्रिफला घृतम"का भी सेवन दूध के साथ कर सकते है।
त्रिफला के पाउडर को रात्रि में आधा ग्लास पानी मे भिगों दे फिर सुबह इसे छानकर इसके पानी से आंखे धोने से आंखों की कमजोरी दूर होती है और कई बार चश्मो के नंबर कम होने और चश्मा हटने तक के दावे भी किये जाते हैं।
🍁3.वजन को कम करने के लिए-त्रिफला पाचन क्रिया को आसान बनाता है विशेषकर निचली आंत के हिस्से की सफाई करता है और बड़ी आंत में एक अंग कॉलन के ऊतकों के लिए फायदेमंद है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है और अतिरिक्त फैट को कम करता है।
🍁4.स्किन के लिए-त्रिफला रक्त को साफ करके मृतकोशिकाओ को हटाकर त्वचा की रंगत निखारता है। विटामिन 'सी' की अधिकता से त्वचा को स्वस्थ,चमकदार बनाता है और समयपूर्व झुर्रियां आने से बचाव ,मुहांसों से बचाव इत्यादि में सहायक है।
🍁5.स्वस्थ दांतों के लिए-त्रिफला में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते है इससे दांतों में कीड़ा लगाना,मसूड़े की सड़न ,दुर्गंध इत्यादि से बचाता है। प्रतिदिन सुबह रात में भिगीकर रखे त्रिफला पावडर से कुल्ले करें इससे दांत स्वस्थ और मुँह के छालों से निजात मिलती है।
🍁6.मजबूत बालों के लिए-त्रिफला में आंवले जो कि विटामिन सी का भंडार है के सेवन से बाल मजबूत,काले और डैंड्रफ फ्री होते हैं। इसके पेस्ट को बालों में लगाकर 2 घंटे रखे जिससे बाल काले और जूं और डैंड्रफ से दूर रहेंगे बाल झड़ने की समस्या से निजात मिलेगी।
🍁7.मजबूत पाचन तंत्र-त्रिफला एक लैक्सेटिव है जो मल को निकालने में सहायक है और ये शरीर से आंवदोष को हटाता है ।जब शरीर में बिना पचे पदार्थ सड़ने लगते है जिसे आंव कहा जाता है और शरीर बीमार पड़ने लगता है ।त्रिफला आंव दोष निवारण में एक बेहतरीन उपाय है।
🍁8.त्रिफला शरीर मे वात-पित्त-कफ को दूर करता है ।आयुर्वेद में वात-पित्त-और कफ को ही सभी बीमारियों का कारक माना गया है।
🍁9.त्रिफला के सेवन से डेंगू,मलेरिया,बुखार इत्यादि से दूर रहने में मदद मिलती है क्योंकि त्रिफला इम्युनिटी बूस्ट करता है और इसके एंटीबैक्टीरियल तत्व शरीर को इस तरह के इंफेक्शन और एलर्जी से बचाते है।
🍁10.पेशाब के इन्फेक्शन में गर्म पानी के साथ इसका सेवन बहुत लाभकारी है।
🍁11.शरीर मे से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में सहायक है जिससे ह्रदय स्वस्थ रहता है।
🍁12.डाइबिटीज के रोगी भी इसका सेवन कर सकते है और इसके अभूतपूर्व अच्छे परिणाम सामने आते है।
🌲त्रिफला लेने की विधि-
चरक सहिंता के अनुसार रात्रि को लिया गया त्रिफला 'रेचक' माना जाता है इससे सुबह के समय पेट की अच्छी सफाई होती है और कब्ज से छुटकारा मिलता है। त्रिफला पाउडर गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते है।
सुबह के समय लिया गया त्रिफला 'पोषक' माना जाता है और ये पोषण देता है और शरीर मे केल्शियम, लोह,इत्यादि की कमी को पूरा करता है।
👉विशेष सावधानी-गर्भावस्था और स्तनपान के समय इस्तेमाल न करें।
7 साल से छोटे बच्चों को त्रिफला न दें
त्रिफला की ज्यादा मात्रा से दस्त लग सकते है और ज्यादा दस्त से शरीर मे पानी की कमी हो सकती है।
लंबे समय तक त्रिफला का सेवन आपको इसका आदी बना सकता है इसलिए 15 दिन के सेवन के बाद 15 दिन तक इसका सेवन बंद कर दें।
त्रिफला के सेवन से किसी को नींद न आने की शिकायत हो तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें।
त्रिफला पाउडर एक निर्दोष और कारगर औषधि है जो कई बीमारियों को शरीर से दूर रखती है।वैसे तो इसके तीनों अवयव आंवला,बहेड़ा और हरड़ के अपने गुण और प्रभाव है परन्तु जब ये तीनों एक विशेष अनुपात में मिलाकर सेवन करते है तो विशेष और अच्छे परिणाम देते है।
धन्यवाद
✌प्रीतम मेहता कोठारी
WELCOME TO PRITAMS KITCHEN BY PRITAM MEHTA KOTHARI
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Thanks very much for your appreciation .Keep it up.